पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान | पहाड़ी हरा साग

पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान | पहाड़ी हरा साग

मजेदार जी अब मस्त से खाना खाते हैं हेलो जी मेरा नाम है ऋतिक नेगी स्वागत है आपका एक और नई blog में देवम उत्तराखंड के इन खूबसूरत पहाड़ों से मेरे गांव से और अगर आप लोगों को पता नहीं है तो मेरे गांव का नाम हुआ रासी जो कि उत्तराखंड राज्य के रुद्र प्रया डिस्ट्रिक्ट में बसा हुआ एक खूबसूरत सा गांव है अभी दोपहर का टाइम हो गया है मतलब दोपहर का खाना बनाने की भी तैयारी हो गई है और आज हम लोग बनाने वाले हैं हरा साग हरा साग पहाड़ों में जो कद्दू के पत्ते होते हैं उनका भी बहुत टेस्टी साग बनता है और आज वही चीज हम लोग बनाने वाले हैं बाकी निकलते हैं और यह चीज बनाते हैं और साथ ही साथ आपके साथ भी शेयर करते   हैं |

यहां पर देखो भा यहां पर ना कद्दू की बेल है जहां पर से कि हम लोगों ने जो ये पत्ते हैं वो ले जाने हैं और ये देखिए भाई यहां पर दाई लोगों की गौशाला है ना तो इसके ऊपर देखो ये टहनी डाली हुई है ताकि जो कत की बेल है वो पूरी टहनी में जाए और यहां पर देखिए कत की बेल पे ना कितने सारे फुलर लगे हुए [संगीत] हैं ज्यादातर जो ये साग होता है ये आजकल मानसून के टाइम पे होता है और यहां पे देखिए भाई इतने सारी ये पत्ते ला गई है रूबी जो हमने यहां पर से निकाले हैं|

पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान

कद्दू की बेल से बाकी अब इसका साग बनाना है ले चलो भाई देखो भाई मां की तैयारी हुई है गाय को पानी देने की तो मां वहां जा रही है बाकी हम दोनों की तैयारी है यहां पर दिन के खाना बनाने की चलो और यहां प देखो मस्त सी अपनी ककड़ी भी हो रख है वाह इसके बाद का जरूरी काम है भाई जो यह पत्ते लाए हम लोग इनको धोना है अच्छे ढंग से तो चलिए जी अब ये अच्छे ढंग से धुल गया है और इसको भी अंदर पर ले चलते हैं बाकी यहां पर देखो रूबी भी लगी हुई है आग जलाने पे तब तक मैंने ये धुल दिया है तो चलिए जी अभी देखो मस्त से रूबी ने यहां पर आग भी जला दी है|

और अब इसके बाद का मेन काम होता है जो ये पत्ते हैं ना इनको काटने का काम आग जलने के बाद भैया टाइम आता है भाई इनको काटने का इनको बारीकी से काटना है और सबसे पहले काम होता है भाई जो इसके ऊपर से यह निकालना अब इनम ना बारीक बारीक कांटे रहते हैं वैसे आजकल उतने ज्यादा हार्ड नहीं रहते हैं यह बट थोड़ा-थोड़ा रहते हैं तो यह निकालना जरूरी रहता है ये देखो ऊपर से तभी ना ज्यादा सॉफ्ट होते हैं फिर इन पत्तों से ना कुछ ऐसा निकलता है इसको निकालना जरूरी रहता है यह देखिए यहां पे फिर उसके बाद ये देखिए जो ये ऊपर का हैना काफी सॉफ्ट हो जाता है |
पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान
पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान
स्टार्टिंग में पूरे जितने भी पत्ते हैं सारे पत्तों में से यही चीज निकालनी है तो चलिए जी अभी हम दोनों ने उस पर से सारे रेसे निकाल दिए हैं और वो इस वाली ये टोकरी में है बाकी ये ना बाद में गाय को देने के काम आ जाता है बाकी अब बारी है भाई इसको बारीकी से काटने [संगीत] की अब यह काटना भी बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि उसके बाद ना वो बॉईल काफी अच्छे ढंग से हो जाएंगे जितने बारीक रहेंगे तो फिर बॉईल भी काफी जल्दी हो जाते हैं वो तो चलिए जी देखो भाई इतना बारीक रूबी नेय कर दिया है काट काट करके यह बारीक काटना है|
भाई ताकि बाद में ना हम पानी में इसको बॉईल करें ना फिर इजली ये अच्छे ढंग से बॉईल हो जाए ये देखिए ऐसे कुछ इसके पकड़ने की स्टाइल रहती है और ऐसे करके इसको काटना पड़ता है जी लगभग यह काम भी कंप्लीट हो गया है काटने का बस एक दो बारी काटना है उसके बाद हो गया फिर इसके बाद इसको बॉईल करते हैं लास्ट ये है ये देखो आप इतना बारीक करना है इसको तो चलो यह काटने का काम भी हुआ और देखो भाई आग तो हमारी पहले की जली हुई थी बाकी अब यहां पर जो कढ़ाई है उसको रख देते हैं देखिए मस्त से अपनी कढ़ाई भी गर्म हो गई है अब इसमें डालते हैं तेल यह देखिए यह सारे हैं |
यहां पर रूबी ने ना पुदीना भी ला रखा है जितने भी मसाले हैं नमक को छोड़ कर के लगभग घरही के हैं देखिए पहाड़ों में एक चीज है कि लगभग जितने घर के मसाले होते हैं वो घरही में होते हैं हल्दी से लेकर फिर मिर्च हो गया फिर उसके बाद धनिया पाउडर हो गया ये सब चीज लोग घरी में बनाते हैं और क्योंकि घर में ये चीजें हो जाती है ना तो इसलिए ये चीज घरी में ज्यादातर बनती है हम लोग सिर्फ मार्केट से नमक लेकर आते हैं बाकी और चीज तो घर ही में रहता है अब देखो यहां पर मस्त से अपना जो तेल है वो गर्म हो रहा है और देखिए भा बिना सरसों के तड़के के तो
पहाड़ों में स्वाद भी नहीं आता है|
 भाई ऐसे सागों प अब जो यह स्पेशल से साग होते हैं हरा साग हो गया कंडा का साग हो गया उसमें तो सरसों का तड़का मारना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि सरसों का तड़का ही एवा में चार चान लगाता है ब स्वाद प तड़के के बाद ना इसमें थोड़ा बहुत लहसुन भी डाल देते हैं यह देखो [संगीत] और यह देखिए जी बारी है अब हरा साग डालने की हरी सब्जिया डालने की देखि स्टार्टिंग में ना यहां पर खाली नमक डालना पड़ता है ताकि वह अच्छे ढंग से बॉईल हो जाए जो यह कद्दू की पत्तिया है ना व अच्छे ढंग से गल जाए तो इसलिए नमक डालना  जरूरी रहता है लो भाई और इसके बाद डालना इसमें थोड़ा सा पानी ताकि वो पानी और नमक के साथ अच्छे ढंग से गल जाए जब तक ये अच्छे ढंग से बॉईल होता है तब तक इसमें डालते हैं भाई ऐसा थाली इस पर ढक्कन लगा देना है चलो बाकी अब रखते हैं हम लोग तब तक चावल अब दोपहर के टाइम प किचन में ना बहुत ज्यादा गर्मी होती है आजकल गर्मियों के टाइम पर तो होता ही है ऐसे बाकी मौसम देखो आप ऊपर से बारिश आ रही है नीचे साइड मौसम थोड़ा बहुत सही लग रहा है और नीचे साइड ना थोड़ा धूप की चमा लगी हुई है यहां गांव साइड और देखिए जी अभी भी रूबी ने यहां पर मस्त से आग जला रखी है|

कितना टाइम बचा है अभी अभी 10:15 मिनट 10:15 मिनट और र हैं ठीक है जी मां भी जंगल से आई और यह मिर्च लेके आई है हरी मिर्च अब ये देखो कितनी बड़ी-बड़ी मिर्च है भाई यह देखो अभी ये इतनी ज्यादा तीखी नहीं हुई है क्योंकि अभी स्टार्टिंग ये लगना शुरू हो रहे हैं बट इतनी ज्यादा तीखी नहीं है लेकिन थोड़ा बहुत तीखी है मतलब खाने में तो आराम से खाई जा सकती है और आजकल तो हरी मिर्च का टाइम है तो हरी मिर्च हरा साग और चावल मिल जाए तो उसके मजे ही कुछ अलग होते हैं हैं और ये देखिए जी कुछ इस तरीके से ना इसको बारीक बारीक करना है ताकि वो पानी के साथ अच्छे ढंग से और ज्यादा बारीक हो जाए और यहां गैस में देखो तब तक चावल भी रख दिए हम लोगों ने तो ये भी बस होने वाले हैं एक सीटी लग गई है एक और लगना बाकी है कुछ ही देर में अपना देखो यहां पर जो ये पत्तियां हैं ये भी अच्छे ढंग से बॉईल होती है ये अच्छे ढंग से इसके बाद बेसन का पेस्ट बनाते हैं हैं तो चलिए अच्छे ढंग से यहां पर प्रेशर ने भी सीटी मार दी है बाकी तब तक अपना साग भी देखो यहां पे ये उबल गया है मतलब जो पत्तियां है वो अच्छे ढंग से उबल गई है रूबी यहां पर तैयारी कर रही है पेस्ट बनाने की और ये देखिए जी रूबी ने बेसन का पेस्ट बनाना शुरू भी कर दिया है|

बाकी जितने भी घर के मसाले हैं ना और मसाले वो इसी में मिलाए जाते हैं इसी बेसन के पेस्ट में ये देखिए जी अपना पेस्ट रेडी हो गया है बाकी यहां पर भी देखो जो ऊपर में यह पत्तियां हैं यह भी अब उबल शुरू कर रही है पेस्ट है उसको मिलाते हैं हरे साग में यह देखो तो चलिए भाई अभी देखो यहां पर अच्छे ढंग से जो साग है वो उबलता है तब तक मैं ककड़ी लेकर आता हूं इस सीजन की वह पहली ककड़ी है तो इसलिए मस्त से रायता बनाते हैं आज चलो तो यह देखिए जी इस जगह पर लगी हुई है बाकी इसको बाकी इसको निकालते हैं मोड़ मोड़ करके यह देखो

भाई वाह अब इस नई नई ककड़ी के मजे ही कुछ अलग है अब इसको ना अच्छे ढंग से हम लोग रायता बनाते हैं अभी सीजन की पहली ककड़ी है य पहली चलिए हम लोगों ने यहां पर आग हो गया और भात बना दिया है बाकी मां की बारी है य पर रायता बनाने की और यह देखिए भाई इस साल की पहली ककड़ी है तो इसलिए जो एक दौली है यह देते हैं चाचा लोगों को आ और ककड़ी की खुशबू इतनी गजब की होती है ना नई नई ककड़ी है इस साल की वाह मजा आ जाती है भाई अब इस ककड़ी से रायता बनाते हैं अच्छा वाला साथ ही साथ यहां पर देखिए अपना जो साग है वो भी उबल के रेडी हो होने वाला है यह देखिए अब साल की पहली ककड़ी है

पहाड़ी स्वादिष्ट खान-पान | पहाड़ी हरा साग

तो इसलिए पता क्या करते हैं जो इसका बीज रहता है इसको माथे पर लगाते हैं यह देखो और यह देखिए जी मजेदार गजब मजा आ गया अब बारी है भाई यहां पे जो ये ककड़ी है इसको कद्दूकस करने की अब रायते के लिए जरूरी है भाई घर का नमक पीसना बिना घर के नमक के तो मजा नहीं आती है तो यह घर की मिर्चे हैं और इसमें लहसुन है साथ में वहां पर पुदीना है तो इस चीज का नमक पीसते हैं और साथ ही साथ वहां पर धनिया पाउडर है तो चलो भाई अब ये अच्छे ढंग से पीसेगांव भी पीस दिया है अब उसको भी इसमें मिलाते हैं रायते में अपना रायता भी बनके रेडी हो गया है बाकी साग है चावल है और साथ ही साथ देखिए जी यह हरी मिर्च है तो चलो अब खाना रखते हैं सबसे पहले देखिए जी अग्नि भगवान को चढ़ाते [संगीत] हैं देखिए जी और साथ ही साथ इसमें हरी मिर्च लो भाई तो चलिए जी अब मस्त से खाना खाते हैं और पहले पहले ककड़ी के रायते का भी मजा लेते हैं चलो तो चलिए जी इस खानपान वाले एपिसोड को भी यहीं पर क्लोज करते हैं बाकी अगर आप लोगों ने हमें 

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